| 1. | स्थायी दशा का नाम है रति या प्रीति।
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| 2. | स्थायी दशा महाकाव्य, खंडकाव्य आदि प्रबंधों में
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| 3. | क्षणिक दशा, स्थायी दशा और शील दशा।
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| 4. | पर भाव स्थायी दशा में जो प्रयत्न किए जायँगे
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| 5. | ब्रह्माण्ड के खुलते रहस्य-४: स्थायी दशा सिद्धान्त
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| 6. | पर स्थायी दशा प्राप्त होने पर यह बात नहीं रहती।
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| 7. | पर सबकी स्थायी दशा समान रूप से परिस्फुट नहीं होती।
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| 8. | वही उस तारे की उसके एक जीवनकाल की स्थायी दशा होती है।
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| 9. | वहाँ तो चट, बिना किसी सोच-विचार के, स्थायी दशा समझ लेनी चाहिए।
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| 10. | वही उस तारे की उसके एक जीवनकाल की स्थायी दशा होती है।
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